Mar 7, 2024
साल 1961 में अंतरिक्ष में जाने वाले पहले शख्स रूस के यूरी गागरिन महज दो मीटर व्यास वाले छोटे से स्पेसक्राफ्ट में अंतरिक्ष गए थे। वह ऐसे यान में सवार थे जिसके कंट्रोल को वह छू भी नहीं सकते थे।
Credit: NASA
कंट्रोल रूम से बातचीत में उन्होंने कहा कि अंतरिक्ष यान की कैप्सूल विंडो से उन्हें पृथ्वी बहुत सुंदर दिखाई दी थी।
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पृथ्वी पर बादलों की छाया मनमोहक नजारा पेश कर रही थी। यूरी गागरिन बस देखते रह गए।
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यूरी गागरिन 12 अप्रैल, 1961 को अंतरिक्ष जाने वाले पहले इंसान बने थे। यह अंतरिक्ष की लड़ाई में अमेरिका पर सोवियत संघ की जीत थी। उनकी सकुशल वापसी ने इस जीत को सर्वमान्य कर दिया।
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इतिहास बनाने के लिए गागरिन ने जान की परवाह नहीं करते हुए यह खतरनाक चुनौती स्वीकार की थी। गागरिन ऐसे यान से अंतरिक्ष जा रहे थे जिसमें किसी आपात स्थिति में बचाव की कोई व्यवस्था नहीं थी।
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वोस्तोक अंतरिक्ष यान में एक सप्ताह से अधिक समय के लिए ऑक्सीजन, भोजन और पानी मौजूद था। ऐसी स्थिति में ऑक्सीजन, भोजन या पानी किसी भी कमी से गागरिन की मौत हो सकती थी।
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गागरिन की वापसी के दौरान कैप्सूल पर अतिरिक्त भार लदा हुआ था जिसके चलते कैप्सूल का तापमान काफी अधिक हो गया था और गागरिन बढ़ते तापमान के बीच अपना होश खोने लगे थे।
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उन्होंने बाद में कहा था, मैं आग वाले बादलों से घिरा था और पृथ्वी की ओर बढ़ रहा था। खुशकिस्मती से दस मिनट पहले तार जल गया और गागरिन का कैप्सूल मुक्त हुआ।
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कैप्सूल के जमीन पर टकराने से पहले गागरिन ने सुरक्षित उतरने के लिए पैराशूट से छलांग लगा दी और वोल्गा नदी के किनारे उतरे।
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