Aug 9, 2024
एक लोकतांत्रिक देश होने के बावजूद बांग्लादेश में कई बार तख्तापलट हुआ है।
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बांग्लादेश में 1975 में पहली बार तख्तापलट हुआ। सेना के जनरलों ने पीएम शेख मुजीबुर रहमान और परिवार के अन्य सदस्यों की हत्या की।
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इसी साल बांग्लादेश में दो और तख्तापलट हुए। नवंबर में जनरल जिआउर रहमान सत्ता में काबिज हुए।
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1981 में चिटगांव में जनरल जिआउर रहमान की हत्या कर दी गई। समझा जाता है कि उनकी हत्या सेना ने ही कराई
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1982 में रहमान के उत्तराधिकारी अब्दुस सत्तार का तख्तापलट हुआ। इस तख्तापलट में काफी खूनखराबा हुआ।
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2007 में सेना प्रमुख ने तख्तापलट किया। 2009 तक हसीना सरकार की वापसी तक उन्होंने अंतरिम सरकार का समर्थन किया।
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2009 में अर्धसैनिक बलों ने सेना के खिलाफ बगावत कर दी। ढाका में 70 से ज्यादा लोगों की हत्या हुई। इनमें से ज्यादा सेना के अधिकारी थे।
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2012 में सेना ने कहा कि उसने तख्तापलट की कोशिश नाकाम कर दी। सेना के रिटायर और मौजूदा अधिकारी देश भर में शरिया लागू करना चाहते थे।
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2024 में सेना प्रमुख जनरल वाकर उज्जमान ने कहा कि शेख हसीना ने पीएम पद से इस्तीफा दे दिया। इसके बाद एक अंतरिम सरकार बनी।
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