Dec 1, 2022
पाकिस्तान में आजकल उस बांग्लादेश को लेकर सरकार और आर्मी में ठनी है, जिसे भारत ने पाक से तोड़कर एक अलग राष्ट्र बना दिया था। पाकिस्तानी सरकार इस जंग में हार के लिए सेना को जिम्मेदार मानती है और सेना राजनीति को।
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इस विवाद की शुरूआत तब हुई जब पाकिस्तान के पूर्व आर्मी चीफ कमर अहमद बाजवा ने अपनी रिटायरमेंट से कुछ दिन पहले यह दावा किया कि 1971 में हार के लिए जिम्मेदार राजनीति थी, इसमें सेना की गलती नहीं थी। (फोटो- AP)
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बाजवा के इस बयान के बाद अब पाकिस्तान के विदेश मंत्री बिलावल अली भुट्टो ने पलटवार करते हुए कहा कि पाक की हार के लिए सेना जिम्मेदार थी, 90 हजार सैनिक तब भारत की कैद में थे। (फोटो- AP)
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1947 में जब पाकिस्तान, भारत से अलग हुआ तब बांग्लादेश उसी के हिस्से में था, पूर्वी पाकिस्तान कहलाता था। 1971 तक आते-आते पाकिस्तान ने बांग्लादेश पर बहुत जुल्म किए, जिसके कारण वहां शेख मुजीबुर्रहमान के नेतृत्व में विद्रोह भड़क उठा।
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भारत शुरू में इस जंग में सीधे शामिल नहीं था, लेकिन जब पाकिस्तान ने भारत पर सीधे हमला बोल दिया तो तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने सेना को खुली छुट दे दी। जिसके बाद भारतीय सेना ने बहुत ही कम समय में पाकिस्तान के दो टुकड़े कर दिए।
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1971 की यह जंग सिर्फ 13 दिनों तक चली और इसी तेरह दिन में भारत ने पाकिस्तान के दो टुकड़े कर दिए। जिसके बाद बांग्लादेश का जन्म हुआ।
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इस युद्ध में भारत ने एक साथ दो मोर्चों पर लड़ाई लड़ी थी। पूर्व में जहां वो बांग्लादेश के लिए लड़ रहा था, वहीं पश्चिम में पाकिस्तान के हमलों का भी मुंहतोड़ जवाब दे रहा था।
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इस युद्ध में अमेरिका, पाकिस्तान के साथ था। जिसके कारण अमेरिका भारत पर दवाब बना रहा था, अपना सातवां बेड़ा भारत के खिलाफ उतार दिया था, लेकिन रूस की मदद से भारत ने अमेरिका की हेकड़ी भी निकाल दी थी।
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यह जंग तब समाप्त हुई, जब पाकिस्तानी सेना ने ढाका में भारतीय सेना के सामने आत्मसमर्पण कर दिया। तब 93 हजार पाकिस्तानी सैनिकों ने भारत के सामने आत्मसमर्पण किया था।
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