2012 से धूल और विकिरण से भरे कठोर वातावरण में 30 किलोमीटर से अधिक चलने के बावजूद क्यूरोसिटी मजबूत बना हुआ है।
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3 मील ऊंचे पर्वत माउंट शार्प की तरफ बढ़ रहा
इसी अध्ययन के तहत रोवर धीरे-धीरे 3 मील ऊंचे पर्वत माउंट शार्प के बेस की तरफ बढ़ रहा है। इसके परतें बताएंगी कि समय के साथ मंगल की जलवायु कैसे बदली।
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39वां नमूना ड्रिल किया
रोवर ने हाल ही में अपना 39वां नमूना ड्रिल किया और यह सेकोइया (Sequoia) नाम की चट्टान के नमूने का विश्लेषण कर रहा है। इससे मंगल की प्राचीन जलवायु के बारे में जानकारी हासिल की जा सकेगी।
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क्या मंगल पर था सूक्ष्मजीवों का अस्तित्व
क्यूरियोसिटी रोवर मिशन का प्रमुख मकसद है कि क्या प्राचीन मंगल ग्रह पर सूक्ष्मजीवों का अस्तित्व था।
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कैसे हुई सल्फेट की भरमार
सिकोइया से इस बात की जानकारी मिलने की उम्मीद है कि मंगल की जलवायु और रहने की क्षमता कैसे विकसित हुई क्योंकि इस क्षेत्र में सल्फेट की भरमार हो गई है।
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मंगल ग्रह वर्षों पहले कैसा था
पिछले साल क्यूरोसिटी रोवर ने सल्फेट और कार्बोनेट खनिजों की पहचान की है, इससे यह समझने में मदद मिली है कि मंगल ग्रह बहुत पहले कैसा था।
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