Jan 6, 2023
दुनिया में ऐसी कई चीजें हैं, जिनकी चर्चाएं हमेशा होती है। कुछ चीजों की खासियत जानकर जहां लोग दंग रह जाते हैं, तो कुछ की सच्चाई पर लोगों को यकीन करना मुश्किल हो जाता है। आज हम आपको एक ऐसे ही मामले से रू-ब-रू कराने जा रहे हैं, जिसके बारे में जानकर यकीनन आप भी एक पल के लिए हैरान रह जाएंगे।
Credit: Social-Media
ये तो हम सब जानते हैं प्राचीन समय से युद्ध में तोप का इस्तेमाल किया जाता रहा है। आज भी जब कहीं लड़ाई होती है, तो तोप का जरूर इस्तेमाल होता है। लेकिन, एक तोप ऐसी भी है, जिसे सबसे बड़ी तोप होने का गौरव प्राप्त है। लेकिन, वो केवल एक ही बार इस्तेमाल किया गया।
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विश्व की सबसे बड़ी भारत के जयपुर किले में रखी हुई है और इसका नाम रामबाण है।
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ऐसा कहा जाता है कि 1720 में इस तोप को किले में रखा गया था। महाराजा सवाई जय सिंह द्वितीय के शासनकाल के दौरान जयगढ़ में इस तोप को बनाया गया था। इसका निर्माण उन्होंने अपनी रियासत की रक्षा के लिए किया था।
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जब जयबाण तोप को पहली बार टेस्ट फायरिंग के लिए चलाया गया था, तो जयपुर से करीब 35 किमी दूर स्थित चाकसू नामक कस्बे में गोला गिरने से एक तालाब बन गया था।
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लगभग 100 किलो बारूद से 50 किलो वजन गोले का इस्तेमाल किया जाता था।
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तोप के बैरल की लंबाई 6.15 मीटर है और इसका वजन करीब 50 टन है।
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इस तोप को दो पहिया गाड़ी में रखा गया है और पहिए करीब 1.37 मीटर व्यास के हैं।
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इसके अलावा गाड़ी में परिवहन के लिए दो हटाने वाले अतिरिक्त पहिए भी हैं।
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