Aug 6, 2023
सबको जीवन देने वाली जीवनदायिनी गंगा नदी की कहानी बहुत ही अनोखी है।
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महाभारत के अनुसार, राजा शांतनु को गंगा नदी से प्रेम हो गया था। इसके बाद उन्होंने गंगा से शादी करने की इच्छा जताई थी।
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गंगा ने शांतनु से शादी करने की बात तो मान ली थी, लेकिन उनके सामने कुछ शर्त रखी थी।
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गंगा ने राजा शांतनु के सामने शर्त रखी थी कि वह किसी भी बात के लिए उन्हें रोकेंगे नहीं। अगर ऐसा होगा तो वह हमेशा के लिए उन्हें छोड़कर चली जाएंगी।
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राजा शांतनु ने गंगा से विवाह करने के लिए उनकी यह शर्त मान ली थी।
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शादी के बाद गंगा की कोई भी संतान होती तो वह उसे पानी में बहा देतीं। इस तरह उन्होंने सात पुत्रों को पानी में बहा दिया लेकिन शर्त में बंधे होने की वजह से राजा शांतनु कुछ बोल नहींं पाते थे।
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लेकिन जब गंगा की आठवींं संतान हुई तो राजा शांतनु से रहा न गया और उन्होंने आठवीं संतान को पानी में बहाने से रोक लिया।
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राजा शांतनु ने ऐसा करके अपनी शर्त तोड़ दी थी। इसके बाद गंगा उन्हें छोड़कर हमेशा के लिए चली गईं।
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गंगा के जो आठवें पुत्र थे, वो भीष्म पितामह थे। उन्होंने अपने पिता का दूसरा विवाह करवाया था और वह जिंदगीभर अविवाहित रहकर अपने वंश की रक्षा करते रहे।
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