​36 ही क्यों है दुश्मनी का आंकड़ा? जानकारों को भी नहीं पता​

Shaswat Gupta

Jan 20, 2024

​अक्‍सर आपने सुना होगा कि, दो लोगों के बीच 36 का आंकड़ा है।​

Credit: Social-Media

​क्‍या आपने कभी सोचा है कि, 36 को ही दुश्‍मनी का आंकड़ा क्‍यों बनाया गया है ?​

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​36 की जगह 28 या 37 या फिर और कोई नंबर भी हो सकता था।​

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​दरअसल, 36 के आंकड़े के पीछे भी एक खास वजह है जिसके बारे में हम आपको बताएंगे।​

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​बता दें कि जब हम 36 को हिन्‍दी अंक में लिखते हैं तो ३६ का प्रयोग करते हैं।​

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​हिन्‍दी अंकों में ३६ में ३ और ६ एक दूसरे की ओर पीठ किए हुए दिखते हैं।​

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​एक दूसरे को पीठ दिखाने का मतलब उनके बीच मतभेद होने का सूचक है।​

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​जब दो लोगों में विचारों की भिन्‍नता होती है तो वे लोग ३६ के पॉश्‍चर में ही खड़े होते हैं।​

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​इसलिए 36 अंक को दुश्‍मनी का आंकड़ा बताया गया है, जो कि बाद में प्रचलित हो गया।​

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