Aug 26, 2023
आज टेक्नोलॉजी के इस बदलते दौर में स्मार्टफोन आवश्यकता की चीज बन चुका है। हर जगह स्मार्टफोन की जरूरत बढ़ती जा रही है।
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रिक्शा से लेकर बस और ट्रेन से लेकर फ्लाइट तक में आप सफर के दौरान मोबाइल फोन कैरी करते होंगे। हालांकि फ्लाइट में स्मार्टफोन ले जाने के कुछ नियम हैं।
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हवाई जहाज में सफर करते समय आपने ध्यान दिया होगा कि यात्रियों को फोन को फ्लाइट मोड में करने की सलाह दी जाती है। लेकिन आखिर इसके पीछे क्या वजह है, आपको पता है ?
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फोन में फ्लाइट मोड ऑन करते ही जीपीएस, ब्लूटूथ, वाईफाई, इंटरनेट और कॉलिंग की सेवा बंद हो जाती है। इनके अलावा इनकमिंग और आउटगोइंग भी बंद हो जाती है। एक तरह से कहा जाए तो फोन स्विच ऑफ मान लीजिए।
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प्लेन में स्मार्टफोन का फ्लाइट मोड ऑन करने के बाद कुछ चीजें आप कर सकते हैं। जैसे- गेमिंग, फिल्म/वेब सीरीज देखना, फोटो क्लिक करना और म्यूजिक सुनना इत्यादि।
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कभी आपने इस पर गौर किया है कि आखिर क्यों फोन को जहाज में फ्लाइट मोड पर करने की सलाह दी जाती है ? अगर नहीं जानते हैं तो हम आपको इसका जवाब देंगे।
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फ्लाइट उड़ाने के दौरान दरअसल, पायलट कंट्रोल रूम के टच में रहते हैं। ये संपर्क रेडियो वेव के माध्यम से बरकरार रहता है, जो कि प्लेन के नेविगेशन और संचार प्रणाली में भी मदद करता है।
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जिस समय पायलट कंट्रोल रूम से संपर्क में होते हैं उस समय यात्रियों के फोन भी कई सिग्नल पकड़ते हैं और संपर्क के दौरान वो तरंगें सिस्टम से जुड़ने लगती हैं।
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अगर फ्लाइट में मोबाइल बंद नहीं होंगे तो पायलट और कंट्रोल रूम का संपर्क टूट सकता है और जानकारियां पायलट तक नहीं पहुंच पाएंगी। इसके साथ ही प्लेन के क्रैश होने की संभावनाओं पर विराम लग सके इसलिए स्मार्टफोन को फ्लाइट मोड पर कराया जाता है।
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