Jun 28, 2024
भारतीय रेलवे देश की लाइफलाइन है और प्रतिदिन करोड़ों लोगों को सफर कराती है।
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ट्रेन से जुड़ा सवाल एक सवाल ऐसा है जिसके बारे कम ही लोग जानते हैं। क्या आपको पता है रेलवे ट्रैक पर अलमारी जैसे बॉक्स क्यों लगाए जाते हैं ?
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रेलवे ट्रैक के किनारे लगे इन बॉक्स को ‘एक्सल काउंटर बॉक्स (Axle Counter Box)' कहते हैं। ये सभी बॉक्स तीन से पांच किमी की दूरी पर लगाए जाते हैं।
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रेलवे ट्रैक के किनारे लगे इन बॉक्स को ‘एक्सल काउंटर बॉक्स (Axle Counter Box)' कहते हैं। ये सभी बॉक्स तीन से पांच किमी की दूरी पर लगाए जाते हैं।
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लोहे जैसे दिखने वाले इन बॉक्स के अंदर एक स्टोरेज डिवाइस होती है जो ट्रेन की पटरी से कनेक्ट होती है। एक्सल कोच पहियों को जोड़कर रखता , ये डिवाइस उन्हीं एक्सल की गिनती करती है।
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बताया जाता है कि, डिवाइस ट्रेन के पहिए इसलिए गिनती है ताकि हर पांच किमी पर इसका पता लग सके कि उतने ही पहिए आगे जा रहे हैं जितने का डाटा पिछले एक्सल बॉक्स में रिकॉर्ड हुआ था।
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अगर एक्सल की संख्या दोनों बॉक्स की गिनती से गड़बड़ होती है तो आगे वाला 'एक्सल काउंटर बॉक्स' ट्रेन को रोकने के लिए आगे के सिग्नल को रेड कर देता है।
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डिरेल के समय पहिए कम होने सूचना काउंटर बॉक्स से मिलती है। तभी रेलवे विभाग को ट्रेन के दुर्घटनाग्रस्त होने की खबर मिल जाती है जिससे उनको जांच में मदद मिलती है।
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इतने बड़े मैकेनिज्म से भारतीय रेलवे यात्रियों की सुरक्षा का ध्यान रखता। अब अगर कोई आपसे ये सवाल पूछे तो उसे जवाब जरूर दीजिएगा।
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