Nov 4, 2023
मौसम चेंज होने पर तबीयत का खराब होना आम बात है। ऐसे में हल्की बुखार और सर्दी-खासी आना नॉर्मल है।
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लेकिन कई बार तबीयत ज्यादा खराब हो जाती है, जब नॉर्मल दवाओं से काम नहीं चल पाता।
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इस दौरान डॉक्टर दवाओं के साथ-साथ इंजेक्शन भी लगाते हैं, जिससे अक्सर लोग भागते हैं।
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इनमें से कुछ तो ऐसे भी लोग होते हैं, जो कितने भी बीमार क्यों ना हो लेकिन इंजेक्शन नहीं लगवाते।
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ऐसे में आपने नोटिस किया होगा कि इंजेक्शन कभी कमर तो कभी हाथ में लगाई जाती है।
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कभी इसके बारे में आपने सोचा कि ऐसा क्यों किया जाता है?
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दरअसल, ऐसे इंजेक्शन जिनमें मौजूद लिक्विड खून में आसानी से मिल जाए, उन्हें हाथ में लगाया जाता है। ऐसे इंजेक्शन से शरीर में किसी भी प्रकार की तकलीफ नहीं होती।
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वहीं, ऐसे इंजेक्शन जिनमें मौजूद लिक्विड खून में आसानी से ना मिल पाए, उन्हें कमर में लगाया जाता है। ऐसे इंजेक्शन को अगर हाथ में लगा दिया तो कई बार हाथ भी काम करना बंद कर सकता है।
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मेडिकल की भाषा में कहे तो Hypotonic Injection को हाथ में लगाया जाता है जबकि Hypertonic Injection को कमर में लगाया जाता है।
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