May 4, 2023

ट्रेन की हेडलाइट में अलग-अलग रंग के बल्ब क्यों लगे होते हैं, नहीं जानते होंगे आप

Kaushlendra Pathak

भारतीय रेलवे के मजेदार फैक्ट्स

भारत के चारो दिशाओं में रेट पटरियां बिछी हुई हैं। दुनिया का चौथा सबसे बड़ा रेल नेटवर्क भारत में ही है। करोड़ों लोग रोजाना ट्रेन से सफर करते हैं। आज हम आपको ट्रेन की हेडलाइट से जुड़े कुछ मजेदार फैक्ट्स बताएंगे, जिनके बारे में हो सकता है शायद आप नहीं जानते होंगे।

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​​ट्रेन के लोकोमोटिव पर कितनी तरह की लाइट​

अगर आप से पूछा जाए कि ट्रेन के लोकोमोटिव पर कितनी तरह की लाइट लगी होती है।

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कुछ लोग इस बारे में जानते होंगे

हो सकता है कुछ लोगों को इस बारे में जानकारी हो, जबकि कई लोगों ने गौर भी नहीं किया होगा।

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तीन तरह की लाइटें लगी होती है।

सबसे पहले ये जान लीजिए कि लोकोमोटिव पर तीन तरह की लाइट लगी होती है।

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​​पहली लाइट हेडलाइट होती है​

इन लाइटों में पहली लाइट हेडलाइट होती है, वहीं बाकी दो लाइटों में से एक सफेद और एक लाल रंग का लाइट होती है।

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​​लाइटों को लोकोमोटिव इंडीकेटर कहा जाता है​

इन लाइटों को लोकोमोटिव इंडीकेटर कहा जाता है। लोकोमोटिव की हेडलाइट को 24 वोल्ट के DC करंट से चलाया जाता है।

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​​फोकस 350 मीटर की दूरी तक पड़ता है​

इसका फोकस 350 मीटर की दूरी तक पड़ता है। ऐसे में रात के समय लोको पायलट को एक निश्चित दूरी तक रेलवे ट्रैक पर दिखाई पड़ता है।

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​​हेडलाइट में दो बल्ब का इस्तेमाल​

हेडलाइट में दो बल्ब का प्रयोग किया जाता है, जो कि सामांतर कनेक्ट होते हैं।

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इस तरह होता है इस्तेमाल

अगर एक बल्ब खराब हो जाए, तो दूसरे बल्ब की मदद से ट्रैक पर देखा जा सकता है।

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