Sep 21, 2023
दिल्ली से नोएडा या फिर गुरुग्राम तक कहीं भी जाने के लिए आप दिल्ली मेट्रो का इस्तेमाल लगभग रोज करते होंगे। देखा जाए तो अतिव्यस्ततम लाइन होने के कारण मेट्रो को दिल्ली की लाइफलाइन भी कहा जाता है।
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मेट्रो में प्रवेश या निकास के दौरान कभी न कभी आपकी नजर नीली ड्रेस वाली इस गुड़िया की Mascot पर भी पड़ी होगी। क्या आप जानते हैं कि ये कौन है और इसकी क्या कहानी है ?
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दिल्ली मेट्रो में यात्रियों का स्वागत करने वाली इस मैस्कट का नाम 'मैत्री' है। मैत्री का मतलब है 'दोस्ती' और खास बात ये है कि, मैत्री नाम मेट्रो से भी मिलता-जुलता है।
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अब हम आपको बताएंगे कि आखिर ये 'मैत्री' दिल्ली मेट्रो कैसे पहुंची और इसका कॉन्सेप्ट आया कहां से ?
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हमारी सहयोगी वेबसाइट नवभारत टाइम्स की रिपोर्ट मुताबिक, कहानी 2012 से शुरू होती है। जब फरीदाबाद से सफदरजंग अस्पताल जाने के लिए जूली नामक प्रेग्नेंट महिला मेट्रो पर चढ़ी। तभी कुछ देर में उसे लेबर पेन होने लगा।
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खान मार्केट मेट्रो स्टेशन पर मेट्रो के आखिरी कोच में ही दो महिलाओं ने जूली की डिलीवरी कराई। बेटी के जन्म के बाद मेट्रो प्रबंधन ने एम्बुलेंस की मदद से जच्चा-बच्चा को अस्पताल भेजा। ये पहली बार था जब मेट्रो में बच्ची का जन्म हुआ।
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जूली देवी ने मेट्रो में बच्ची को जन्म दिया था। उसके बाद तभी परिवार ने उसका नाम 'मैत्री' रखा। जो कि मेट्रो से मिलता-जुलता था।
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दिल्ली मेट्रो प्रबंधन को एक मैस्कट रखनी थी और उन्होंने उसका नाम मैत्री रखने का सोचा, तब उन्होंने बच्ची के परिवार से परमिशन मांगी।
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जब परिवार ने सहमति दे दी तो दिल्ली मेट्रो प्रबंधन ने Mascot का नाम मैत्री रखा गया। अब ये मैस्कट दिल्ली मेट्रो के हर स्टेशन पर आपको दिखेगी।
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