Nov 17, 2023
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बताया जाता है कि मराठाओं के राज्य में भीमराव नाम का एक रसोईयां था, जिसकी पसंदीदा मिठाई पारसी मिठाई हलुआ ए फारसी हुआ करती थी, जो बादाम और शक्कर से बनती थी।
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भीमराव ने एक नया प्रयोग करते हुए बादाम की जगह काजू का उपयोग किया और यही से काजू कतली का आविष्कार हो गया, जो काफी पसंद भी किया गया।
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करीब 400 साल पहले दीवाली के दिन जहांगीर के शाही बार्वची ने काजू, शक्कर और घी मिलाकर एक मिठाई बनाई, जो बेहद पसंद की गई। यह मिठाई आगे चलकर काजू कतली के नाम से प्रसिद्ध हुई।
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