Apr 10, 2024
देश-दुनिया में हर साल ईद का त्योहार धूमधाम से मनाया जाता है। इस साल 11 अप्रैल को ईद-उल-फितर का त्योहार मनाया जाएगा। लेकिन, कभी सोचा है ईद त्योहार का चांद से क्या कनेक्शन है। या फिर चांद देखकर ही ईद क्यों मनाई जाती है?
Credit: social-media
इस अनोखे सवाल का जवाब बहुत कम लोग जानते होंगे।
Credit: social-media
अगर आप भी नहीं जानते हैं तो इस ईद पर जरूर इसके बारे में जान लीजिए।
Credit: social-media
दरअसल, ईद उर्दू कैलेंडर हिजरी के हिसाब से मनाई जाती है। उर्दू कैलेंडर का 9वां महीना रमजान का होता है। इसके बाद 10वां महीना शव्वाल शुरू होता है। जिसकी पहली तारीख को ही ईद मनती है।
Credit: social-media
यहां आपको बता दें कि हर महीना चांद देखकर ही शुरू होता है। नया चांद दिखने पर नया महीना शुरू हो जाता है। हालांकि, कभी-कभी चांद को लेकर मुसलमानों में मतभेद हो जाता है। जिसके कारण लोग अलग-अलग गुटों में बंट जाते हैं। परिणाम ये होता है कि दो ईद मनती है।
Credit: social-media
गौरतलब है कि पृथ्वी को सूर्य का एक चक्कर पूरा करने में 365 दिन और कुछ घंटे लगते हैं। जिसके कारण 365 दिनों वाला साल हर चार वर्ष पर लीप ईयर हो जाता है। इसके कारण फरवरी में एक दिन बढ़ जाता है।
Credit: social-media
चांद भी पृथ्वी का चक्कर लगाता है। चांद अगर परिक्रमा करते रहे तो 27 दिन में चांद पृथ्वी का एक चक्कर पूरा कर लेता है। लेकिन, चांद के साथ पृथ्वी हमेशा घूमती रहती है। परिणाम ये होता है कि पृथ्वी और चांद का एक चक्कर 29 दिन और कुछ घंटों में पूरा होता है।
Credit: social-media
एक चक्कर पूरा होने पर जो चांद दिखता है उसे नया चांद माना जाता है।
Credit: social-media
यही कारण है कि ईद और चांद के बीच गहरा रिश्ता है।
Credit: social-media
Thanks For Reading!
Find out More