Nov 19, 2022
पिछले कुछ दिनों से बुलडोजर घर गिरा-गिराकर काफी चर्चा में था। अब बुलडोजर का इस्तेमाल आलू की सब्जी बनाने में किया जा रहा है।
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बता दें कि मध्य प्रदेश के दंदरौआ धाम में 'सियपिय' मिलन समारोह का आयोजन किया गया है। इसके अलावा बागेश्वर धाम के धीरेंद्र शास्त्री वहां कथा सुना रहे हैं। इसमें हिस्सा लेने वाले श्रद्धालुओं के लिए विशाल भंडारे की व्यवस्था की गई है।
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इस भंडारे में हर रोज लाखों लोग हिस्सा ले रहे हैं। इस कारण दिन रात बड़ी मात्रा में प्रसाद और खाना बनता रहता है। यह काम हाथ से करना थोड़ा मुश्किल है।
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भंडारे की शुरुआत नाश्ते से होती है। नाश्ते में 20 क्विंटल पोहा और 8 क्विंटल सूजी का उपयोग किया जाता है।
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भंडारे में आने वाले भक्तों को दोपहर के भंडारे में पूड़ी-सब्जी और मालपुआ परोसा जा रहा है।
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भंडारे में खाना बनाने के लिए 700 हलवाई और 10 हजार खाना परोसने वाले हैं।
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भंडारा स्थल पर दो बड़े कड़ाहे हैं। एक का नाम गंगा और दूसरे का नाम जमुना है। इनमें 20 क्विंटल आलू की सब्जी बनती है।
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आलू की सब्जी को बुलडोजर की मदद से ट्रॉली में डालकर लोगों को परोसा जाता है।
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बुलडोजर का उपयोग आलू को मसलने में भी होता है। वहीं कंक्रीट मशीन से मालपुआ का घोल तैयार होता है।
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