Mar 28, 2024
Credit: Social-Media
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किताब के मुताबिक, 1539 के आसपास पुर्तगालियों ने लक्षद्वीप पर कब्जा जमा लिया था। इसके बाद पुर्तगालियों ने यहां के संसाधनों को लूटकर टैक्स बढ़ा दिया।
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ऐसे में यहां के लोग पुर्तगालियों से बचने के लिए कन्नूर के राजा के पास गए। फिर राजा ने कदंतवजीरक नाम के एक दूत को भेजा, जिसके बाद दूत ने पुर्तगालियों को शराब की पार्टी दी।
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इस पार्टी में लाए गए खाने-पीने के सामान में सांप का जहर मिला हुआ था, जिससे आधे से अधिक पुर्तगाली मारे गए।
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जब इस बात की खबर पुर्तगालियों के हाईकमान को हुई तो उन्होंने अपने सैनिक भेजे।
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इस हमले में कदंतवजीरक के साथ कई स्थानीय लोग मारे गए, जिसके बाद लड़ाई में बचे लोगों ने मरे हुए लोगों की याद में सांपों की मस्जिद बनाई।
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