Sep 10, 2023
मराठा शासक छत्रपति शिवाजी महाराज को भारत ही नहीं, दुनिया भर में सनातन धर्म के योद्धा के तौर पर जाना जाता है।
Credit: Social-Media
भारतीय हिन्दू योद्धाओं में शिवाजी के नाम से भी मुगल आक्रांता काफी खौफ खाते थे। शिवाजी की बहादुरी और उनके बुद्धिमत्ता के आगे सभी मुगल सलाहकार फेल हो जाते थे।
Credit: Social-Media
मराठा शासक छत्रपति शिवाजी के सिंहासन पर बैठने के 350 साल पूरे होने जा रहे हैं। इस दौरान एक खबर सामने आई है कि उनकी एक तलवार जो किंगडम के सेंट जेम्स पैलेस में है भारत लाई जा सकती है।
Credit: Social-Media
शिवाजी के पास 'भवानी' और 'तुलजा' के अलावा एक और तलवार थी जिसके नाममात्र से ही मुगल शासक थर्रा जाते थे। भवानी और तुलजा दोनों तलवारें, इस समय सतारा और सिंधुदुर्ग किले में हैं।
Credit: Social-Media
द हिन्दू ने इतिहासकार इंद्रजीत सावंत के हवाले से बताया है कि, शिवाजी चतुर्थ लगभग 11 वर्ष के थे तब उन्होंने ब्रिटिश राजकुमार को शिवाजी महाराज की ये तलवार उपहार में दी थी। बदले में वेल्स के राजकुमार ने शिवाजी चतुर्थ को एक तलवार भेंट की, जो कोल्हापुर के न्यू पैलेस संग्रहालय में है।
Credit: Social-Media
शिवाजी की जिस तलवार के बारे में हम आपको बता रहे हैं उसका नाम 'जगदंबा' है। 'भवानी' और 'तुलजा' के अलावा 'जगदंबा' तलवार शिवाजी के शाही हथियारों में से एक थी।
Credit: Social-Media
18वीं सदी की इस तलवार लंबाई 127.8 x 11.8 x 9.1 सेमी है और इसके ब्लेड की लंबाई 95 सेमी है। इसमें एक यूरोपीय ब्लेड है और इसके दोनों तरफ दो खांचे हैं। तलवार के मुट्ठे पर उभरे हुए इस्पात के सहारे सोने से फूलों की डिजाइन मढ़ी गई है।
Credit: Social-Media
जगदंबा तलवार में एक चौड़े पोर गार्ड और एक गोलाकार पोमेल के साथ लोहे का हत्था लगा है। इसमें बड़े हीरे और माणिक के साथ मोटे तौर पर जड़े हुए सोने के फूलों की सजावट है।
Credit: Social-Media
शिवाजी की जगदंबा तलवार को भारत लाने का सबसे पहला प्रयास स्वतंत्रता सेनानी बाल गंगाधर तिलक ने किया था। फिर आजादी के बाद पहले सीएम यशवंतराव चव्हाण सहित महाराष्ट्र के कई मुख्यमंत्रियों ने भी कोशिश की, लेकिन सफलता नहीं मिली।
Credit: Social-Media
इस स्टोरी को देखने के लिए थॅंक्स