Mar 14, 2023
हर किसी की ख्वाहिश होती है कि वो खूबसूरत और हैंडसम दिखे। कई लोग तो इसके लिए काफी मेहनत भी करते हैं। वहीं, कुछ लोग ऐसे भी होते हैं, जो खूबसूरती के लिए अपने बालों पर खासा ध्यान देते हैं। इसके लिए तरह-तरह के शैम्पू और क्रीम का इस्तेमाल करते हैं। लेकिन, आपने कभी सोचा है कि जिस चमकदार बाल के लिए आप शैम्पू का इस्तेमाल करते हैं, उसका आविष्कार कहां और कैसे हुआ?
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हो सकता है आप में से कई लोगों ने इसके बारे में जानने की कोशिश की हो और उसके बारे में जानते भी हों। लेकिन, इसका इहितहास काफी दिचलस्प है।
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शैम्पू शब्द सुनकर आपको लगता होगा कि ये विदेश का है और किसी विदेशी ने इसकी खोज की होगी।
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लेकिन, आपको बता दें कि अगर आप ऐसा सोचते हैं तो ये पूरी तरह गलत है।
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दरअसल, शैम्पू एक हिन्दी शब्द है और यह संस्कृत एक शब्द से निकला है।
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शैम्पू शब्द 'चम्पू' से बना है, जिसका मतलब होता है 'हूट' यानी मसाज करना।
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पुराने समय में फलों के गूदे जैसे रीठा, आंवला से लोग बालों को साफ करते थे।
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ब्रिटिश जब भारत आए तो उनकी नजर इन चीजों पर पड़ी और उन्होंने इसका इस्तेमाल किया। अंग्रेजों को यह काफी फायदेमंद लगा।
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बाद में इस प्रोडक्ट को अंग्रेज अपने देश लेकर गए और शैंपू शब्द के साथ इसे बाजार में उतरा दिया।
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