Oct 12, 2022
अक्सर आपने लोगों को ये कहते सुना होगा कि जिन हाथों में कलम है, वो कभी हथियार नहीं उठा सकते। क्योंकि, कलम में बड़ी ताकत होती है। लेकिन, एक शख्स ऐसा भी था जिसने एक साथ दोनों चीजें उठा ली और कविताएं लिखते-लिखते दुनिया की सबसे खतरनाक हथियार AK-47 बना डाली। इस बात हो सकता है आपको यकीन ना आ रहा हो, या फिर हैरानी हो रही हो, लेकिन यह सच है।
Credit: Social-Media
हम बात कर रहे हैं मिखाइल कलाश्निकोव की, जिन्होंने 20वीं सदी में सबसे ज्यादा इस्तेमाल की जाने वाली हथियार AK-47 बनाई थी। लेकिन, कहा जाता है कि मिखाइल दिल से हमेशा कवि रहे हैं और उन्होंने सैकड़ों कविताएं लिखी है। उन्होंने हथियार और कविताओं दोनों से बेहद प्यार था।
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1919 में सोवियत संघ के कुर्या में जन्मे मिखाइल 19 साल की उम्र में बतौर टैंक मैकेनिक रूसी सेना में भर्ती हो गए थे। सेना में रहते हुए एक बार बुरी तरह घायल हो गए। दरअसल, दूसरे विश्व युद्ध के समय हिटलर ने सोवियत संघ पर हमला कर दिया था। जिसमें 88 लाख से ज्यादा सैनिक मारे गए थे। उनके टैंक में भी आग लग गई थी और वो बुरी तरह घायल हो गए थे।
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घायल अवस्था से उबरने के बाद उन्होंने हथियार बनाना शुरू कर दिया। सन 1947 में 28 साल की उम्र में मिखाइल ने AK-47 जैसी खतरनाक रायफल बना दी।
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आपको जानकर हैरानी होगी कि 1947 में बनने के कारण ही इस रायफल के साथ 47 नंबर जोड़ा गया।
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इतना ही नहीं AK-47 में A का मतलब है एवटोमेट यानी मशीन और K का अर्थ है कलाश्निकोवा। रायफल में K नाम मिखाइल कलाश्निकोव के नाम पर ही रखा गया था।
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मिखाइल भले ही एक खतरनाक रायफल के लिए जाने गए, लेकिन ये बात बहुत कम लोगों को पता चल पाई कि उनके अंदर एक कवि भी छुपा हुआ था।
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उन्होंने इतनी कविताएं लिखीं कि उनकी सभी कविताओं को 6 किताबों में सहेजा गया।
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मिखाइल 23 दिसम्बर 2013 में इस दुनिया को हमेशा के लिए अलविदा कह गए।
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