Jul 15, 2023
पाव-भाजी महाराष्ट्र के फेमस स्ट्रीट फूड में से एक है। जो कि बटर के साथ बनी टेस्टी सब्जी और नींबू-प्याज के साथ परोसी जाती है।
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क्या आप जानते हैं कि आपकी फेवरेट पाव-भाजी की खोज भारत में कैसे हुई और पहली बार कब बनाई गई ?
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बात है 1860 की जब अमेरिका के सिविल वार की घोषणा हो चुकी थी।
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उस दौर में कपास की डिमांड काफी बढ़ गई थी। तब बॉम्बे कॉटन एक्सचेंज के कर्मचारियों को काफी मेहनत करनी पड़ती थी।
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डिमांड और काम इतना ज्यादा था कि कर्मचारियों को खाने का टाइम भी नहीं मिल पाता था। तब उन्होंने एक युक्ति निकाली।
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कर्मचारियों ने वेंडरों से बात की और बची-कुची सब्जियों (जैसे- टमाटर, आलू व मटर) को मिलाकर भाजी बनाने के लिए कहा। कर्मचारियों को खाने के लिए जो पाव मिलते थे तो उन्होंने उसे ही सेंककर भाजी से खाना शुरू कर दिया।
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समय के साथ धीरे-धीरे भाजी को और स्वादिष्ट बनाया गया और इसकी खुशबू से मिल के आसपास भीड़ लगने लगी जिसने कर्मचारियों की भूख मिटाई। बाद में ये डिश पूरे मुंबई में फेमस हो गई।
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मराठी में पाव का मतलब होता है एक चौथाई और रोटी को चौथाई टुकड़ों में परोसा जाता था, इसलिए लोग इसे पाव-भाजी कहने लगे।
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कुछ लोग मानते हैं कि, पुर्तगाली शब्द पाओ का मतलब रोटी है। पुर्तगालियों ने मुंबई में रोटी की शुरुआत की थी। उनसे मिलने वाला पाव, भाजी के साथ परोसा जाता था तो ये मिलकर पाव-भाजी बन गया।
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