Sep 7, 2024
नेशनल हाईवे पर रात में सफर के दौरान कई अनोखी चीजें सड़क पर दिखती हैं, लेकिन सबके बारे में यात्रियों को पूरी जानकारी नहीं होती है।
Credit: Social-Media/Istock
हाईवे की सड़क पर आपने रिफलेक्टर्स जरूर देखे होंगे, जो कि रात में ब्लिंक करते रहते हैं।
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क्या आपको मालूम है कि, इन रिफलेक्टर्स में लाइट कहां से आती है ? आखिर रोड पर लगे रिफलेक्टर्स में कौन सा मैकेनिज्म यूज़ होता है ?
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हाईवे हो या फ्लाईओवर हर सड़क पर लगे रिफ्लेक्टर्स को रोड स्टड भी कहा जाता है। ये साइकिल के पेडल की तरह दिखते हैं और चमकते रहते हैं। ये एक्टिव और पेसिव टाइप के रिफलेक्टर्स होते हैं।
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एक्टिव रिफलेक्टर्स लाइट से चलते करते हैं, जिसमें एलईडी जलती है। रात होने पर ये खुद ही जलती हैं और दिन में बंद रहती हैं।
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पेसिव रिफलेक्टर्स रेडियम वाले रिफलेक्टर्स होते हैं। इनके दोनों ओर रेडियम की पट्टी लगी होती है और अंधेरे में वाहनों की लाइट पड़ते ही ये चमकने लगते हैं। जब लाइट नहीं जल रही होती है तब भी कई बार ऐसा लगता है इनमें लाइट जल रही है। ये इलेक्ट्रिसिटी के बिना काम करते हैं।
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लाइट वाले रिफलेक्टर्स सौलर पैनल व बैट्री से चलते हैं। दिन में सौर ऊर्जा से चार्ज होने के बाद ये खुद ही जलते हैं। आसान भाषा में कहें तो ये जमीन पर लगी सोलर लाइट है।
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रिफलेक्टर की लाइट्स को कोई स्ट्रीट लाइट की तरह जलाता या बुझाता नहीं है। ये ऑटोमेटिक होती हैं और लाइट में लगे एलडीआर और सेंसर से काम करती हैं।
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अंधेरा होते ही ये सेंसर के माध्यम से खुद ही जल जाती हैं और उजाला होने पर खुद ही बंद हो जाती हैं।
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