Dec 16, 2022
By: प्रशांत श्रीवास्तवइसे कच्ची शराब भी कहा जाता है, जिसे अवैध रूप से बनाया जाता है। और खास तौर पर ग्रामीण इलाकों में यह ज्यादा बिकती है।
पिछलों दिनों बिहार के छपरा में जहरीली शराब पीने से 39 लोगों की मौत हो चुकी है। और पिछले 2 साल में 170 लोग जान गंवा चुके हैं।
बिहार सहित गुजरात, नगालैंड, मिजोरम, लक्षद्वीप में किसी भी तरह की शराब की बिक्री पर प्रतिबंध है।
आम तौर पर देसी शराब को गुड़, शीरा से तैयार किया जाता है। लेकिन अधिक नशे के लिए इसमें यूरिया और बेसरमबेल की पत्तियां डाल दी जाती है। और इसे मिलाने के अनुपात में जरा सी चूक जानलेवा बन जाती है।
कच्ची शराब में यूरिया के साथ ऑक्सिटोसिन मिलाने की वजह से वह कहीं ज्यादा जानलेवा बन जाती है। क्योंकि दोनों के मिलने से मिथाइल एल्कोहल बन जाता है जो लोगों की मौत का कारण बन जाता है।
जहरीली शराब पीते ही आंखों और पेट में जलन शुरू हो जाती है। कई बार तो आंखों की रोशनी भी चली जाती है।
लालच के कारण कारोबारी देसी शराब में ज्यादा मिलावट करते हैं और वहीं अनजान लोगों की मौत का कारण बन जाती है।
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा है कि जो शराब पिएगा वह मरेगा। उनके बयान से साफ है कि इस तरह की घटना के लिए लोग जिम्मेदार हैं।
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