​दुनिया का इकलौता शख्स, जो शहीद पिता का बेटा और शहीद बेटों का पिता रहा​

Shaswat Gupta

Aug 10, 2023

​जब देश में मुगल अत्‍याचार की इबारत लिख रहे थे तो इसी शख्‍स ने हिन्‍दू धर्म की रक्षा की।​

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​हिन्‍दुओं के अलावा इन्‍होंने सिखों की रक्षा के लिए शस्‍त्र उठाए।​

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​इस महान योद्धा के त्‍याग ने इतिहास में इनका नाम अमर कर दिया।​

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इन्‍होंने कश्‍मीरी पंडितों का कष्‍ट जानकर औरंगजेब से लड़ने के लिए अपने पिता को भेजा।

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​पिता तेग बहादुर के शहीद होने पर 9 वर्ष में इन्‍हें गुरु की गद्दी सौंपी गईं।​

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​जी हां, हम बात कर रहे हैं खालसा पंथ के संस्‍थापक गुरु गोबिंद सिंह की।​

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​गुरु गोबिंद सिंह जन्‍मजात योद्धा थे। उन्‍होंने औरंगजेब समेत कई क्रूर शासकों से युद्ध लड़ा।​

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​अत्याचार और शोषण के खिलाफ युद्ध में इन्‍होंने मां, पिता और चारों बेटों को कुर्बान किया।​

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​गुरु गोबिंद सिंह का 7 अक्टूबर 1708 में महाराष्ट्र के नांदेड़ में देहावसान हो गया।​

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