Oct 3, 2023
कहते हैं कि, एक अच्छा और स्वस्थ समाज बेहतर शिक्षा से ही बन सकता है।
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यूपी का ऐसा ही एक स्कूल इन दिनों चर्चा का विषय बना हुआ है।
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दरअसल, इस स्कूल में फीस के बदले बच्चे प्लास्टिक कचरा लाकर देते हैं।
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स्कूल को संचालित करने वाली मैडम नीरज सक्सेना बताती हैं कि, ये मुहिम ज्ञान के साथ पर्यावरण बचाने की सीख देती है।
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इस स्कूल का नाम 'नीरजा की फुटपाथशाला' है, जहां 40 बच्चे पढ़ते हैं और फीस में कचरा देते हैं। यहां बच्चों को खाना, Uniform और Stationary जैसी चीजें भी मिलती हैं।
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'नीरजा की फुटपाथशाला' में बड़े बच्चों से महीने में चार ईको ब्रिक्स लिए जाते हैं और छोटे बच्चों से दो ईको ब्रिक्स लिए जाते हैं। इसी की बदौलत इन बच्चों ने 4000 ईको ब्रिक्स बनाकर सैकड़ों किलो प्लास्टिक वेस्ट को लैंडफिल में जाने से बचाया है।
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NTPC से रिटायर नीरजा बताती हैं कि, वे लॉकडाउन के दौरान बस्तियों में खाना बांटती थीं तब उन्होंने असहाय बच्चों को शिक्षित करने की ठानी। शुरुआत में वे 20 रुपये महीना लेती थीं, लेकिन कुछ बच्चों के स्वजन सक्षम नहीं थे तो उन्होंने पर्यावरण सुधार का बीड़ा उठाते हुए प्लास्टिक वेस्ट लेना शुरू कर दिया।
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नीरजा मुहिम की अब रंग ला रही है। उनके सानिध्य में बच्चे रहना, पढ़ना और शिक्षा के साथ पर्यावरण के प्रति भी जागरूक हो रहे हैं। उनके स्कूल में पढ़ने वालों में अब काफी बदलाव भी आया है और वे स्वच्छता से रहना पसंद करते हैं।
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ये अनोखा स्कूल गाज़ियाबाद के इंदिरापुरम में है। जहां नीरजा सक्सेना ‘फ़ुटपाथ स्कूल’ चलाती हैं।
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