Jul 3, 2024
घर का टॉयलेट हो या फिर पब्लिक टॉयलेट आपको अक्सर सफेद रंग का ही कमोड देखने को मिलेगा। लेकिन, कभी सोचा है ऐसा क्यों होता है? हो सकता है आप में से कुछ लोग इसके बारे में जानते होंगे, जबकि कईयों ने इसके बारे में सोचा भी नहीं होगा।
Credit: social-media
अगर इस सवाल का जवाब आप भी नहीं जानते हैं, तो आज जरूर जान लीजिए।
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दरअसल, कुछ लोगों का मानना है कि कमोड सफेद होने के कारण गंदगी तुरंत दिख जाएगी। वहीं, कुछ का मानना है कि सफेद स्वच्छता का रंग है।
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लेकिन, आपको बता दें कि सफेद रंग के कमोड के पीछे ये लॉजिक नहीं है।
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यहां आपको बता दें कि कमोड जिस मेटेरियल से बनता है उसे सिरेमिक या फिर पोर्सिलेन कहते हैं, जिसका रंग पूरी तरह सफेद होता है। यही कारण है कि ज्यादातर कमोड सफेद रंग का बनाया जाता है।
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हालांकि, बदलते समय के साथ कुछ कंपनियां हरे, नीले या फिर पिंक रंग में भी कमोड बनाती है। लेकिन, उनकी क्वालिटी सही नहीं है।
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यहां आपको बता दें कि सिरेमिक को आम भाषा में चीनी मिट्टी कहते हैं।
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इसे एक विशेष प्रकार की मिट्टी से बनाया जाता है। सिरेमिक को उच्च क्वालिटी का विद्युतरोधी पदार्थ भी माना जाता है।
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यही कारण है कि टॉयलेट का कमोड अक्सर सफेद रंग का होता है।
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