Oct 21, 2022

दिवाली के दिन शोक मनाते हैं यहां के लोग, अपने मृतक पूर्वजों को करते हैं याद

Aditya Sahu

थारू जनजाति

भारत में एक ऐसा समुदाय है, जो दिवाली के दिन खुशियां नहीं दुख मनाता है। इस जनजाति को थारू कहा जाता है।

Credit: Social-Media

इस समुदाय को छोड़कर सब मनाते हैं दिवाली

जहां भारत के लोग दिवाली के दिन दीया और लाइट जलाकर धूमधाम से यह त्योहार मनाते हैं। वहीं थारू समुदाय के लोग इस दिन शोक मनाते हैं।

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मरे हुए लोगों को करते हैं याद

थारू जनजाति के लोग दिवाली पर मरे हुए लोगों को याद करते हैं और गम मनाते हैं।

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पूर्वजों को करते हैं याद

इस जनजाति के लोग दिवाली को दिवारी कहते हैं। इस दिन वो अपने पूर्वजों को याद करते हैं।

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जलाते हैं पुतला

ये अपने उन पूर्वजों को याद करते हैं जो दिवाली के दिन या उसके आसपास दुनिया छोड़ गए थे। अपने स्वर्गवासी परिवार वालों के लिए ये लोग एक पुतला जलाते हैं।

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उत्तराखंड से लेकर बिहार में रहते हैं थारू

बता दें कि थारू जनजाति के लोग भारत में उत्तराखंड से लेकर बिहार के तराई इलाकों में रहते हैं। भारत के अलावा नेपाल में भी इनकी संख्या काफी ज्यादा है।

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