​इस द्वीप के नाम पर रखा गया था 'बिकिनी' का नाम, कहानी सुनकर चौंक जाएंगे​

Shaswat Gupta

Jan 17, 2024

​दुनिया के कई देशों में बिकिनी का चलन कई दशक पुराना है।​

Credit: Freepik

​हालांकि भारत समेत बहुत से देशों में बिकिनी का प्रदर्शन अश्‍लीलता मानी जाती है।​

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​आज हम आपको बिकिनी शब्‍द के इतिहास के बारे में बताएंगे, जो शायद आपने कभी नहीं सुना होगा।​

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​बिकिनी नाम प्रशांत महासागर के एक द्वीप पर पड़ा, जहां कभी परमाणु बमों का परीक्षण होता था।​

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​बिकनी का पहला प्रोटोटाइप जैक्स हेम नामक फ्रांसीसी डिजाइनर ने तैयार किया था।​

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​उनके बाद ऑटोमोबाइल इंजीनियर और कपड़ों के डिजाइनर लुई रेर्ड ने कम कपड़ों का स्विमसूट बनाया।​

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​उस समय अमेरिका ने प्रशांत महासागर में बिकनी एटोल द्वीप पर हाइड्रोजन बम का परीक्षण किया था।​

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​इसी परीक्षण से प्रेरित होकर रेर्ड ने द्वीप के नाम पर स्विमसूट का नाम बिकिनी रख दिया।​

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​बाद में 5 जुलाई 1946 को लुईस रेर्ड ने बिकिनी को सार्वजनिक किया जिसके बाद इसका चलन बढ़ा।​

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