Oct 13, 2023
व्हिस्की, वोडका या बीयर अलग अलग तरीके की शराब होती है और इनका रंग भी अलग होता है।
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व्हिस्की के गोल्डन कलर होने की एक अहम वजह है वुडन बैरल, यानी लकड़ी का एक ड्रम।
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जब भी व्हिस्की को बनाया जाता है तो यह पहले क्रिस्टल कलर यानी पानी जैसी होती है।
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लेकिन इसे कई सालों तक इस वुडन बैरल में रखा जाता है, जिस वजह से इसका रंग बदल जाता है।
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इसी वजह से इसका रंग हल्की पीला होने लगता है ऐसे में यह नैचुरल तरीके से होता है।
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वुडन बैरल बनाते वक्त इसे हल्का टोस्ट किया जाता है, जिससे यह सॉफ्ट हो जाता है।
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जब सूरज की रोशनी इस पर पड़ती है तो लिकर बाहर निकलने की कोशिश करती है और ये लकड़ी के अंदर घुस जाती है।
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इसके बाद रात में यह इससे बाहर निकलती है, जिससे टोस्ट की गई लकड़ी से लिकर का रंग गोल्डन होने लगता है।
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ऐसे में जिसकी ज्यादा एज होती है, उतना ही लिकर का रंग अधिक गोल्डन होने लग जाता है।
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