May 10, 2024
नया एसी खरीदने पर अक्सर दुकानदार वोल्टेज स्टेबलाइजर भी थमा देता है।
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ग्राहक का पहला सवाल ये होता है कि क्या इसके बिना काम नहीं चल सकता।
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क्योंकि इससे एसी की लागत बढ़ जाती है। यानी 30 हजार का एसी 35 हजार का हो जाता है।
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आपको इन्वर्टर और नॉन-इन्वर्टर दोनों ही एसी में स्टेबलाइजर की जरूरत होती है।
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लेकिन इसकी तब जरूरत होता है, जब वोल्टेज में उतार-चढ़ाव ऑपरेटिंग वोल्टेज लिमिट से बाहर हो जाता है।
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वोल्टेज स्टेबलाइजर को ऑटोमैटिक तरीके से कॉन्सटेंट वोल्टेज मेनटेन करने के लिए डिजाइन किया जाता है।
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बता दें इन्वर्टर या नॉन-इन्वर्टर एसी का स्टेबलाइजर से कोई लेना देना नई है। इन्वर्टर एसी में कंप्रेसर वेरिएबल स्पीड पर चलता है।
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एक टन का नॉर्मल एसी 1 टन के तौर पर ही काम करता है। लेकिन, 1 टन का इन्वर्टर एसी 0.8 टन के तौर पर भी काम कर सकता है।
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इन्वर्टर एसी में अलग-अलग कूलिंग कैपेसिटी के हिसाब से अलग-अलग वोल्टेज रेंज में काम करने की क्षमता होती है।
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