स्लीपर बसे इसलिए बन जाती हैं जानलेवा, फंसे तो बचने के लिए करें ये काम

Rohit Ojha

May 15, 2024

स्लीपर बसें

अक्सर स्लीपर बसों के हादसे का शिकार होने की खबरें आती रहती हैं। इसके पीछे कई बड़ी वजहें हैं।

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​मल्टी एक्सल कोच

आमतौर पर 2x1 भारतीय स्लीपर बसों 30 से 56 सीटें होती हैं। मल्टी एक्सल कोचों में सीटों की संख्या 40 तक होती है।

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​सीटों की लंबाई

सभी सीटों की लंबाई 6 फीट और चौड़ाई 2.6 फीट होती है। लेकिन समस्या गैलरी में कम स्पेस की वजह से खड़ी होती है।

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रात में सफर

ज्यादातर बसें रात में 300 से 1000 किमी का सफर तय करती हैं। ऐसे में कई बार हादसे ड्राइवर को झपकी आने के चलते होते हैं।

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क्यों बढ़ जाती है कैजुअलटी

ऐसी बसों में हादसे के दौरान गैलरी से निकलने की जगह कम होती है। इस वजह से कैजुअलटी बढ़ जाती है।

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​रिस्पॉन्ड करने में लगता है समय

ऐसे में रात को स्लीपर सीट पर सो रहे यात्रियों को रिस्पॉन्ड करने में वक्त लगता है और फिर हादसा भयावह रूप ले लेता है।

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अफरा-तफरी रोकें

अगर कभी सफर के दौरान हादसे की वजह से बस में अग लग जाए, तो कोशिश करें अफरा-तफरी न मचे।

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जल्दी बाहर नहीं निकल पाते लोग

क्योंकि अफरा-तफरी की वजह से कोई भी बस से बाहर जल्दी नहीं निकल पाता है और हादसा गंभीर हो जाता है।

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करें ये काम

जैसी ही बस में आग लगे किसी भी तरह से अधिक से अधिक खिड़की के शीशे तोड़ें और बाहर निकलें।

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