Apr 1, 2024
दुनियाभर के देशों में कई तरह के सिक्के चलन में हैं। वजन और वैल्यू में ये अलग होते हैं।
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भारत में साल 1950 में एक रुपये का पहला गोल सिक्का जारी किया गया था।
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सिक्कों को काटना और आकार में बदलाव लाना कठिन है। इसलिए इन्हें गोल आकार में ढाला जाता है।
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गोल आकार के सिक्कों में बदलाव कर उसकी वैल्यू नहीं घटाई जा सकती। अन्य आकार के सिक्कों में ऐसा संभव है।
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गोल आकार वाले सिक्कों के साथ छेड़छाड़ कर उसकी वैल्यू नहीं घटाई जा सकती है।
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एयरपोर्ट, ऑफिस में सामान खरीदने से लेकर रेलवे स्टेशन पर वेंडिंग मशीन में सिक्के डाले जाते हैं।
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वेंडिंग मशीनों में गोल सिक्के डालना आसान होता है। शायद इस वजह से भी सिक्कों को गोल आकार में बनाया जाता है।
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हालांकि, सिक्के गोल ही क्यों होते हैं इसको लेकर कोई ठोस प्रमाण नहीं मिलता है।
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