बीयर की बोतलें हरे-भूरे रंग की ही क्यों होती हैं, वजह जान कहेंगे क्या आइडिया है बॉस

Rohit Ojha

Oct 5, 2023

हरे-भूरे रंग की क्यों होती हैं बीयर की बोतलें

कभी गौर किया है कि बीयर किसी भी ब्रांड का हो पर उसकी बोतलें हरे और भूरे रंग की ही होती हैं।

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​ ट्रांसपेरेंट बोतल

शुरुआत में बीयर की पैकिंग ट्रांसपेरेंट बोतल में होती थी, लेकिन इसकी वजह से बीयर खराब हो जाती थी।

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सूर्य की किरणों का असर

सफेद बोतल में पैकिंग के चलते बीयर के एसिड को सूर्य की किरणों से निकलने वाली अल्ट्रा वॉयलेट रेज खराब कर देती थी।

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बीयर में बदबू

इसकी वजह से बीयर में बदबू आने लगती थी और लोग नहीं पीते थे और कारोबार को भारी नुकसान होता था।

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भूरे रंग की परत​

बीयर बनाने वालों ने इस समस्या को सुलझाने के लिए एक प्लान तैयार किया और भूरे रंग की परत चढ़ी बोतलें चुनी गईं।

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काम कर गई तरकीब?

ये तरकीब काम कर गई और इस रंग के बोतलों में बंद बीयर खराब नहीं हुई, क्योंकि सूरज की किरणों का असर भूरे रंग की बोतलों पर नहीं हुआ।

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​बोतलों का अकाल

बीयर की बोतल पर हरा रंग द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान चढ़ा। दरअसल, दूसरे विश्व युद्ध के दौरान भूरे रंग की बोतलों का अकाल पड़ गया।

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बीयर निर्माताओं ने खोजा तरीका

इस रंग की बोतलें नहीं मिल रही थीं। ऐसे में बीयर निर्माताओं को एक ऐसा रंग चुनना था, जिस पर सूरज की किरण का बुरा असर न पड़े।

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​हरे रंग की बोतलें

तब हरे रंग को भूरे रंग की जगह चुना गया। इसके बाद से बीयर हरे रंग की बोतलों में भरकर आने लगी।

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