Nov 4, 2023
नेपाल में आए भूकंप ने भारी तबाही मचाई है और 100 से अधिक लोगों की मौत हो गई है।
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राजधानी दिल्ली समेत भारत के कई हिस्सों में भी भूकंप के तेज झटके महसूस किए गए।
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जब भी भूकंप आता है, तो हमें पता चलता है कि इसकी तीव्रता इतनी थी। लेकिन इसे मापा कैसे जाता है।
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भूकंप की तीव्रता और समय पता करने के लिए सिस्मोग्राफ का इस्तेमाल किया जाता है।
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इस डिवाइस के माध्यम से पृथ्वी के अंदर होने वाली हलचल का ग्राफ बनाया जाता है। इसे सिस्मोग्राफ कहते हैं।
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इसी के आधार पर रिक्टर पैमाना के जरिए भूकंप की तरंगों की तीव्रता, भूकंप का केंद्र और ऊर्जा का पता लगाया जाता है।
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भूकंप आने पर सिस्मोग्राफ के कुछ हिस्से नहीं हिलते, लेकिन दूसरे हिस्से हिलने लगते हैं।
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भूकंप की तीव्रता को रिकॉर्ड करने वाला हिस्सा हिलता नहीं है, जिससे भूकंप की सटीक जानकारी प्राप्त करने में मदद मिलती है।
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भूकंप की तीव्रता को मापने वाली मशीन को सिस्मोमीटर कहते हैं, इसके जरिए हमें झटके की तीव्रता का पता चलता है।
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