Oct 22, 2023
वाइन को आम तौर पर अंगूर के जूस के किण्वन की प्रक्रिया से तैयार किया जाता है।
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अगर अंगूर की जगह कोई दूसरा फल या अनाज इस्तेमाल हुआ है तो उसे उसके नाम ही पुकारा जाता है।
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राइस वाइन, पॉमिग्रेनेट वाइन, एल्डरबेरी वाइन तैयार करने जिसका इस्तेमाल होता है उसे उसी नाम से पुकारा जाता है।
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आम तौर वाइन में एल्कॉहल की मात्रा 6-15 प्रतिशत तक होती है। वाइन भी दो तरह की होती है।
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वाइट वाइन और रेड वाइन। वाइन को तैयार करने में डिस्टिलेशन की प्रक्रिया नहीं होती।
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एल्कोहलिक ड्रिंक्स जैसे विस्की, स्कॉच, रम, वोदका, जिन, टकीला आदि डिस्टिलेशन की प्रक्रिया से तैयार किए जाते हैं।
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इसलिए इन्हें स्पिरिट का लिकर कैटेगरी में रखा जाता है। इसे बनाने की प्रक्रिया भी वाइन से अलग है।
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लिकर बनाने के लिए विभिन्न किस्म के अनाज, गन्ना या वे पदार्थ जिसमें नेचुरल शुगर मौजूद हो उनका इस्तेमाल किया जाता
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व्हिस्की में आम तौर पर एल्कॉहल की तीव्रता 42% होती है. कुछ-कुछ स्पिरिट तो 90% तीव्रता वाले होते हैं।
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