Dec 23, 2022
खेती से लाखों-करोड़ों के मुनाफे के बारे में सुनकर लोग चौंक जाते हैं लेकिन ये सच है। सफेदा यानी यूकेलिप्टस की खेती आपका मालामाल कर सकती है।
Credit: BCCL
सफेदा की लकड़ियों का सबसे ज्यादा उपयोग फर्नीचर, ईंधन तथा कागज का लुगदी बनाने के काम आता है। भारत में इसे भारी मात्रा में उगाया जाता है।
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सफेदा का पेड़ केवल 5 सालों में अच्छी तरह से विकास कर लेता है, जिसके बाद इसे काटा जा सकता है और बेचा जा सकता है।
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जितना पुराना पेड़ होगा, मुनाफा ही उतना ही ज्यादा बढ़ जाएगा। इसलिए विशेषज्ञ इसकी कटाई 10 से 12 सालों में करने की सलाह देते हैं।
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एक हेक्टेयर क्षेत्र में यूकेलिप्टस के 3000 हजार पौधे लगाए जा सकते हैं।
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सफेदा के छोटे पौधे नर्सरी से 7 या 8 रुपए में मिल जाते हैं और देख-रेख और सिंचाई में 30 से 40 हजार रुपये सालाना खर्च आता है।
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बाज़ार में यूकलिप्टस की लकड़ी 6 से 9 रुपए प्रति एक किलो के भाव से बिकती है और एक पेड़ से लगभग 400 किलो लकड़ी प्राप्त होती है।
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सफेदा को किसी भी तरह के मौसम में उगाया जा सकता है। इसके लिए किसी खास जलवायु की जरूरत भी नहीं पड़ती है।
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सफेदा की लकड़ियां जल्दी खराब नहीं होती हैं। यही वजह है कि फर्नीचर में इसका काफी इस्तेमाल होता है।
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