Oct 25, 2023
इसके जरिए बनारस लोकोमोटिव वर्क्स को 600 पुल-पुश ट्रेन इंजन बनाने के लिए ऑर्डर दिए जाएंगे।
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इसमें से 100 इंजनों से श्रमिकों-कामगारों के लिए स्पेशल नॉन एसी पुल पुश ट्रेनें चलाई जाएंगी।
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बाके 500 पुल-पुश इंजनों का इस्तेमाल मालगाड़ियों के परिचालन के लिए किया जाएगा।
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रेलवे बोर्ड के सूत्रों के अनुसार, नवंबर के पहले सप्ताह में दिल्ली से मुबंई और पटना के बीच पुल-पुश ट्रेनें चलाई जाएंगी।
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पुश-पुल तकनीक में ट्रेन के दोनों सिरों पर दो लोकोमोटिव का इस्तेमाल एक ही समय में किया जाता है।
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आगे का इंजन ट्रेन को खींचता और पीछे का इंजन ट्रेन को धक्का लगाता है। दोनों इंजन इलेक्ट्रिकल केबल व लोहे के पाइप से जुड़े होते हैं।
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ये इंजन ट्रेनों को तेज गति से खींचने के लिए सक्षम होते हैं। अगली यात्रा के लिए ट्रेन को शंटिंग या रिवर्स करने की जरूरत नहीं पड़ती।
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केंद्र सरकार देशभर में 100 प्रमुख रूट्स पर पुल-पुश ट्र्र्रेन चलाने की तैयारी कर रही है।
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