May 9, 2023
हम लोग होटल में जाते हैं कभी ये 5 स्टार (five star hotels) होता है कभी 3 तो कभी 7 स्टार
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कभी आपने सोचा है कि होटल की ये रेटिंग (hotel rating) कैसे तय होती है क्या हैं इसके मानक
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कभी जानने की कोशिश की कि कैसे तय होता है कि कौन-सा होटल फाइव स्टार है और कौन-सा थ्री या सेवन स्टार?
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माना जाता है कि फाइव स्टार होटल में ज्यादा लग्जरी सुविधाएं होती हैं, वहीं जितने कम स्टार का होटल होता है, उसमें उतनी कम सुविधाएं होती हैं
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एक से पांच तक के स्टार वाले होटल की रेटिंग (hotel rating process) में क्या अंतर होता है यहां हम ये बताने का प्रयास करते हैं
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इसके लिए पर्यटन मंत्रालय के अधीन एक कमेटी है, जो होटल को रेटिंग देने का काम करती है
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इस कमेटी का नाम है 'होटल एंड रेस्टोरेंट अप्रूवल एंड क्लासिफेक्शन कमेटी' जो इस काम को अंजाम देती है
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इसके भी दो हिस्से होते हैं, इसमें एक विंग 1 से 3 स्टार और दूसरी विंग 4 और 5 स्टार रेटिंग के मामले को देखती है
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कमेटी की एक टीम होटल का दौरा कर वहां की सर्विस, सफाई, होटल के कमरे, उनकी साइज और अन्य एसेसरीज की जांच करती है
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उसके बाद कमेटी वहां रूकती भी है और फिर अपनी गाइडलाइन मैच करने के आधार पर रेटिंग का फैसला करती है
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होटल की रेटिंग की दो कैटगेरी होती है, जिसमें हेरिटेज कैटेगरी और स्टार कैटेगरी शामिल हैं
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होटल का रूम, बाथरूम का साइज, AC की डिटेल, पब्लिक एरिया, लॉबी, रेस्टोरेंट, बार, शॉपिंग, कॉन्फ्रेंस हॉल सिक्योरिटी आदि को ध्यान में रखा जाता है
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