Jun 25, 2024
बदलते मौसम में अक्सर लोगों की तबीयत खराब हो जाती है। ऐसे में बुखार होना आम बात है।
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घर पर फीवर चेक करने के लिए लोग थर्मामीटर का इस्तेमाल करते हैं।
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थर्मामीटर दो तरह के होते हैं। डिजिटल थर्मामीटर और मर्करी वाले थर्मामीटर।
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बुखार की सटीक रीडिंग लेने के लिए पारा यानी मर्करी वाले थर्मामीटर का इस्तेमाल बेस्ट होता है।
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डिजिटल थर्मामीटर का इस्तेमाल आजकल काफी आम हो गया है। लेकिन जल्दी खराब होने का खतरा होता है।
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कई बार गिरने या बैटरी खराब होने के कारण डिजिटल थर्मामीटर गलत रीडिंग देने लगता है।
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थर्मल स्कैनर के लेंस पर अक्सर धूल, मिट्टी या गंदगी जम जाती है, जिससे थर्मामीटर की रीडिंग गलत आ सकती है।
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ऐसे में थर्मामीटर का इस्तेमाल करते समय स्कैनर के लेंस को जरूर साफ कर लें।
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फीवर चेक करते समय थर्मामीटर को जीभ के नीचे लगभग 5 मिनट तक रखें। इससे बाद ही रीडिंग चेक करें।
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