Oct 19, 2023
भारत और ब्रिटेन के बीच फ्री ट्रेड एग्रीमेंट (FTA) प्रस्तावित है। दोनों देश इसपर काम कर रहे हैं।
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इसे पूरा होते ही कई विदेशी शराब सस्ती हो जाएगी और भारत में कम दाम पर लोग इन्हें खरीद पाएंगे।
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FTA अब अंतिम चरण में है, इसमें स्कॉच के लिए न्यूनतम आयात प्राइस (MIP) शामिल हो सकती है।
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FTA में बोतलबंद स्कॉच पर आयात शुल्क 150 प्रतिशत से घटाकर 100 प्रतिशत किया जा सकता है।
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जॉनी वॉकर ब्लैक लेबल और सिवास रीगल जैसे लोकप्रिय ब्रॉन्ड्स के शिपमेंट में बढ़ोतरी हो सकती है।
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बोतलबंद स्कॉच पर आयात शुल्क घटने से ब्लैक लेबल और सिवास रीगल जैसे ब्रॉन्ड्स की कीमत कम हो सकती है।
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साल 2022-23 के दौरान, बोतलबंद व्हिस्की का आयात 152 मिलियन से बढ़कर 316 मिलियन डॉलर हो गया।
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भारत स्कॉच व्हिस्की का छठा सबसे बड़ा मार्केट है। भारत अपनी जरूरतों का 95 फीसदी स्कॉच व्हिस्की इंपोर्ट करता है।
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स्कॉच व्हिस्की स्कॉटलैंड में बनाई जाने वाली व्हिस्की है। दुनिया भर में इसे खूब पसंद किया जाता है।
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