​पायलट या ट्रेन ड्राइवर, कौन करता है ज्यादा काम

Prashant Srivastav

Nov 7, 2023

पायलट की थकान चर्चा में

इन समय भारत में पायलट की थकान चर्चा में है। इंडिगो के प्रमुख ने खुद माना है कि इसमें बदलाव होगा। एयर इंडिया के पायलट भी मैनेजमेंट से इस मुद्धे पर अपनी बात रख चुके हैं।

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कितना करते हैं काम

भारत में आम तौर पर पायलट महीने में 80-100 घंटे के बीच काम कर रहे हैं। जबकि इंडस्ट्री 70 घंटे की उड़ान को आइडियल मानती है।

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Tata Exit From Voltas

नियम बदलने की तैयारी

भारतीय रेग्युलेटर डीजीसीए पायलट के काम करने के घंटे में बदलाव की तैयारी कर रहा है। इसमें वह उड़ान के बाद आराम करने की अवधि को हफ्ते में 24 घंटे से बढ़ाकर 36 घंटे करने पर विचार कर रहा है।

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रात में इतने घंटे की उड़ान

अभी रात में उड़ान की अधिकतम ड्यूटी अवधि 13 घंटे है, जिसे घटाकर 10 घंटे करने का प्रस्ताव है। एक पायलट को शुरूआत में एक लाख रुपये और वरिष्ठता के आधार पर 10 लाख रुपये तक सैलरी मिलती है।

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ट्रेन ड्राइवर या लोको पायलट का हाल

भारत में आम तौर पर ट्रेन ड्राइवर की 8 घंटे की शिफ्ट होती है।

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104 घंटे का फॉर्मूला

उसे 2 हफ्ते में 104 घंटे काम करना होता है। उसके बाद अगर वह काम करता है तो उसे ओवरटाइम माना जाता है।

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अधिकतम 10 घंटे की शिफ्ट

ट्रेन ड्राइवर अधिकतम 10 घंटे की शिफ्ट कर सकता है। उसके बाद उसे आराम देना जरूरी होता है।

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कितनी मिलती है सैलरी

असिस्टेंट लोको पायलट को 40-45 हजार रुपये शुरूआती स्तर पर सैलरी मिलती है। लोको पायलट को 70-80 सैलरी मिलती है।

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