Dec 27, 2024

मुश्किल से मिला है पता, मिर्ज़ा गालिब ने यहां काटी थी आखिरी रात

prabhat sharma

​मिर्ज़ा गालिब का जन्मदिन​

मिर्ज़ा गालिब का जन्म 27 दिसंबर 1797 को हुआ था। उनके जन्मदिन के अवसर पर उन्हें करीब से महसूस करने का आपके पास मौका है।

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​गालिब की हवेली​

गालिब को करीब से महसूस करने के लिए आपको दिल्ली में बसी उनकी प्राचीन हवेली जरूर जाना चाहिए।

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​काटी थी आखिरी रात​

गालिब की हवेली वो जगह है जहां उन्होंने अपनी जिंदगी की आखिरी रात काटी थी।

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​बल्लीमारान​

दिल्ली के चांदनी चौक से सटा इलाका बल्लीमारान जहां कासिम जान नाम की एक गली है वहीं गालिब की हवेली है।

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​गालिब को करीब से जानो​

हवेली के अंदर आपको उनकी जिंदगी से जुड़ी तमाम चीजों को देखने का मौका मिलेगा।

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​बिना टिकट होती है एंट्री​

हवेली की दीवारों पर प्रेम से भरी शायरियां भी आपको देखने को मिल जाएंगी। यहां जाने के लिए कोई टिकट नहीं है।

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​कब जाएं​

सोमवार और सरकारी छुट्टी वाले दिन ये बंद रहती है। सामान्य दिनों में गालिब की हवेली में आप सुबह 11 बजे से लेकर शाम 6 बजे तक जा सकते हैं।

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​27 दिसंबर को जाना बेस्ट​

बल्लीमारान की हवेली में 27 दिसंबर यानी उनके जन्मदिन के अवसर पर मुशायरे का आयोजन किया जाता है।

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​नशे की तरह थी शायरी​

गालिब की शायरी सुनने और पढ़ने वालों की तादाद काफी ज्यादा है। गालिब की शायरी नशे की तरह होती है।

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