prabhat sharma
Sep 11, 2024
सदगुरु जग्गी वासुदेव जिन्हें सदगुरु के नाम से जाना जाता है काफी ज्यादा पॉपुलर हैं। ईशा फाउंडेशन के संस्थापक सदगुरु योग और ध्यान के माध्यम से लोगों के जीवन में परिवतर्न लाने के लिए काम करते हैं।
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सदगुरु का जन्म 3 सितंबर 1957 को कर्नाटक के मैसूर शहर में एक तेलुगु परिवार में हुआ था। भव्य सुंदरता के कारण मैसूर को महलों का शहर कहा जाता है।
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मैसूर घूमने का प्लान बना रहे हैं तो मैसूर महल या अम्बा विलास महल जरुर जाएं। ये महल यहां का प्रमुख आकर्षण केंद्र है।
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मैसूर को वन्य जीव अभयारण्यों और राष्ट्रीय उद्यानों के घर के रूप में भी देखा जाता है। बांदीपुर नेशनल पार्क और नागरहोल नेशनल पार्क जाकर आप प्रकृति की सुंदरता को महसूस कर सकते हैं।
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मैसूर की सांस्कृतिक धरोहर भी काफी ज्यादा अनूठी है। यहां मैसूर चित्रकला और कंपनी स्कूल पेंटिंग्स काफी ज्यादा फेमस हैं जिन्हें सराहा और पसंद भी काफी किया जाता है।
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परिवार या फिर अकेले आप मैसूर की यात्रा करने का प्लान बना सकते हैं। यहां का खान-पान, होटल का खर्चा और घूमने का किराया भी बेहद कम है।
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मैसूर में कोई एयरपोर्ट नहीं है, लेकिन बेंगलुरु इंटरनेशनल एयरपोर्ट के लिए फ्लाइट बुक करके आप यहां पहुंच सकते हैं। बेंगलुरु इंटरनेशनल एयरपोर्ट से मैसूर की दूरी लगभग 170 किलोमीटर है।
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मैसूर रेलवे स्टेशन पहुंचकर आप इस शहर की भव्यता का आनंद ले सकते हैं। वायु मार्ग की तुलना में रेल मार्ग के माध्यम से इस शहर में जाना आपके लिए काफी ज्यादा किफायती होगा।
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टैक्सी या बस के माध्यम से आप सड़क मार्ग के जरिए मैसूर की यात्रा कर सकते हैं। बेंगलुरु से मैसूर तक की यात्रा करने में आपको लगभग 3-4 घंटे लग सकते हैं।
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