Feb 13, 2025

ना लाइट ना पानी, घूम आओ 150kph वाले गेंदबाज मयंक यादव के गांव

prabhat sharma

​मयंक यादव​

टीम इंडिया के तेज गेंदबाज मयंक यादव किसी परिचय के मोहताज नहीं हैं। आईपीएल में लखनऊ के लिए खेलते हुए 22 साल के मंयक ने ध्यान खींचा था।

Credit: Istock

लखनऊ में 241 साल पुरानी जगह

​मयंक यादव का गांव​

मयंक यादव का नाता रतहो गांव से है। ये गांव बिहार के सुपौल जिले के अंतर्गत आता है जो उनका पैतृक गांव है।

Credit: Istock

​देहाती इलाके में बसा है गांव​

मयंक यादव के गांव कि गिनती सुदूर देहाती इलाके से होती है। इसका मतलब अभी भी यहां मूलभूत सुविधाओं की कमी है।

Credit: Istock

​हर साल झेलता है विभिषिका​

कोसी नदी के तट पर स्थित रतहो गांव को हर साल कोसी की विभिषिका झेलनी पड़ती है।

Credit: Istock

You may also like

खूब सुना होगा सूरजकुंड मेले का नाम, 7 का...
चीन से लेकर अमेरिका तक, विदेश में कितने ...

​कोसी त्रासदी ​

प्राकृतिक आपदा के संदर्भ में कोसी त्रासदी एक बड़ी घटना है। इसका असर मंयक के गांव पर पड़ता है।

Credit: Istock

​मूलभूत सुविधाओं की कमी​

रतहो गांव में आज भी लाइट और पीने का साफ पानी जैसी मूलभूत सुविधाओं की कमी है।

Credit: Istock

​गांव जाना हुआ कम​

क्रिकेट के प्रति बढ़ती रूची के कारण मंयक को अपना गांव छोड़ना पड़ा था। मयंक आखिरी बार अपने दादा के श्राद्ध में गांव गए थे।

Credit: Istock

​मोतीनगर में जन्मे मयंक​

रतहो गांव से नाता रखने वाले मयंक का जन्म दिल्ली के मोतीनगर इलाके में हुआ था।

Credit: Istock

​सड़क मार्ग से करो यात्रा​

अगर आप मयंक यादव के पैतृक गांव घूमना जाना चाहते हैं तो बता दें कि सड़क मार्ग से यात्रा करना आपके लिए बेस्ट होगा।

Credit: Istock

इस स्टोरी को देखने के लिए थॅंक्स

Next: खूब सुना होगा सूरजकुंड मेले का नाम, 7 कारण आखिर क्यों जाना चाहिए घूमने

ऐसी और स्टोरीज देखें