Jun 13, 2024
Credit: istock
Credit: istock
स्टेबलाइजर (Stabilizer) का मुख्य काम विद्युत उपकरणों को सुरक्षित रखना और उन्हें स्थिर वोल्टेज प्रदान करना है, ताकि वे बिना किसी दिक्कत के काम कर सकें।
Credit: istock
स्टेबलाइजर इनपुट वोल्टेज को मॉनिटर करता है और इसे संदर्भ वोल्टेज से कंपेयर करता है। यदि इनपुट वोल्टेज में उतार-चढ़ाव होता है तो स्टेबलाइजर अपने आउटपुट वोल्टेज को एडजस्ट करके उसे उस सीमा के भीतर वापस लाता है।
Credit: istock
स्टेबलाइजर लगातार विद्युत आपूर्ति के वोल्टेज को मॉनिटर करता है। जब वोल्टेज सामान्य सीमा से ऊपर या नीचे जाता है, तब यह उसे पहचानता है।
Credit: istock
अगर वोल्टेज हाई है, तो स्टेबलाइजर वोल्टेज को कम करता है। और अगर वोल्टेज लो है, तो स्टेबलाइजर वोल्टेज को बढ़ाता है। यह प्रक्रिया ऑटोमेटिक होती है और बहुत फास्ट होती है ताकि उपकरण खराब न हो पाए।
Credit: istock
स्टेबलाइजर बिजली खपत को कुछ हद तक कम भी करते हैं क्योंकि वह वोल्टेज को बैलेंस करते हैं ताकि डिवाइस स्मूथ चल सकें और कम बिजली की खपत करें।
Credit: istock
स्टेबलाइजर बिजली के महंगे उपकरणों की लाइफ बढ़ाने का भी काम करते हैं। क्योंकि बहुत ज्यादा और बहुत कम वोल्टेज से उपकरण खराब हो सकता है लेकिन स्टेबलाइजर से वो सेफ रहते हैं।
Credit: istock
Thanks For Reading!
Find out More