Jan 30, 2024
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इससे पहले तक इसे जानवरों के साथ टेस्ट किया जा रहा था। लेकिन अब मस्क कुछ बड़ा करने की तैयारी कर रहे हैं।
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न्यूरालिंक 2016 में एलन मस्क द्वारा स्थापित एक स्टार्टअप है। जो एक मस्तिष्क-कंप्यूटर इंटरफेस बनाने की कोशिश कर रहा है।
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इस इंटरफेस की मदद से इंसाल केवल अपने विचारों का उपयोग करके फोन और पीसी को ऑपरेट कर सकेंगे।
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यानी इंसानों के दिमाग में चिप लगाई जाएगी और इस चिप की मदद से डिवाइस को कनेक्ट किया जा सकेगा।
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न्यूरोटेक्नोलॉजी कंपनी मानव क्षमताओं को सुपरचार्ज करने, एमियोट्रोफिक लेटरल स्क्लेरोसिस (एएलएस) या पार्किंसंस जैसे न्यूरोलॉजिकल डेवलपमेंट का इलाज करने पर काम कर रही है।
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इसका भविष्य का लक्ष्य एक दिन मनुष्यों और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के बीच एक सहजीवी संबंध हासिल करने का है।
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विभिन्न जानवरों पर प्रत्यारोपण टेस्टिंग करने के बाद अमेरिकी खाद्य एवं औषधि प्रशासन ने पिछले साल मई में न्यूरालिंक को मनुष्यों पर क्लिनिकल ट्रायल करने की मंजूरी मिली।
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न्यूरालिंक डिवाइस में 1,000 से अधिक इलेक्ट्रोड होते हैं, जो अन्य प्रत्यारोपणों की तुलना में कहीं अधिक है। यह व्यक्तिगत न्यूरॉन्स को टारगेट करता है।
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इस चिप को इंसान की खोपड़ी के अंदर इंप्लान्ट किया जाता है। यह वायरलेस संचार के साथ मस्तिष्क सिग्नल डेटा को न्यूरालिंक ऐप पर भेजता है, जो उन्हें काम और विचार में डिकोड करता है।
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चिप की चार्जिंग भी वायरलेस तरीके से की जाती है। न्यूरालिंक ने प्रत्यारोपण प्रक्रिया को अंजाम देने के लिए कंपनी ने एक विशेष सर्जिकल रोबोट विकसित किया है।
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