Jul 9, 2024
Credit: istock
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लेकिन ऐसा नहीं है। फोन के कैमरे की क्वालिटी और फीचर्स मेगापिक्सल से ज्यादा इसके सेंसर साइज और इमेज प्रोसेसिंग पर निर्भर करते हैं।
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उदाहरण के लिए सोशल मीडिया पर जो फोटो आप पोस्ट करते हैं वह 1080P पर होती है, जो 2MP कैमरे के रिजॉल्यूशन बराबर ही है।
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ज्यादा मेगापिक्सल वाले कैमरे की जरूरत तब होती है जब आपको फोटो को किसी बड़े होर्डिंग के लिए प्रिंट करना हो। यदि ऐसा नहीं करना तो MP कोई मायने नहीं रखता है।
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कैमरे की क्वालिटी सेंसर साइज और अपर्चर टेक्नोलॉजी पर निर्भर करती है। अपर्चर जितना कम होगा फोटो उतनी अच्छी आएगी। इसीलिए फ्लैगशिप फोन में कम मेगापिक्सल होने पर भी ज्यादा अच्छी फोटो आती है।
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इसी तरह फोन का सॉफ्टवेयर ऑप्टिमाइजेशन भी कैमरे की क्वालिटी को मैनेज कर सकता है। इसका सबसे अच्छा उदाहरण पिक्सल फोन है। गूगल हार्डवेयर से ज्यादा सॉफ्टवेयर की मदद से फोटो में चार चांद लगा देता है।
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