Jul 7, 2023
भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच खेला गया साल 2003 के विश्व कप का फाइनल भारतीय क्रिकेट के लिए बेहद यादगार था और हमेशा रहेगा।
Credit: Social-Media/ICC
टूर्नामेंट में बेहद खराब शुरुआत के बाद सौरव गांगुली की कप्तानी में टीम इंडिया फाइनल में पहुंचने में सफल रही थी।
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फाइनल में भारतीय टीम की भिड़ंत विजय रथ पर सवार ऑस्ट्रेलिया से हुई थी।
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उस मुकाबले में ऑस्ट्रेलिया के कप्तान रिकी पॉन्टिंग की 121 गेंद में 140 रन की नाबाद पारी खेली थी और टीम इंडिया के सामना 359 रन का लक्ष्य रखा था।
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गेंदबाजी के बाद ड्रेसिंग रूम में वापस पहुंचने के बाद भारतीय खिलाड़ी बेहद नर्वस थे। हर किसी को हार का डर सता रहा था।
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ऐसे में टीम को फाइनल तक पहुंचाने में अहम भूमिका निभाने वाले मास्टर ब्लास्टर सामने आए।
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सचिन ने ड्रेसिंग रूप में लंच ब्रेक के दौरान एक शानदार स्पीच खिलाड़ियों का मनोबल बढ़ाने के लिए दी।
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सचिन तेंदुलकर ने टीम के साथी खिलाड़ियों से अपनी जादूई स्पीच के दौरान पूछा, क्या हम हर ओवर में एक बाउंड्री लगा सकते हैं? यदि हां तो हम 50 गेंद में 200 रन आसानी से बना देंगे।
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हालांकि ऐसा मैच के दौरान नहीं हो सका और टीम इंडिया 39.2 ओवर में 234 रन बनाकर ढेर हो गई। सचिन 5 गेंद में 4 रन बनाकर पवेलियन लौटे थे।
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वीरेंद्र सहवाग ने उस मैच में भारत के लिए सबसे ज्यादा 81 गेंद में 82 रन बनाए थे।
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ऑस्ट्रेलिया के चैंपियन बनने के बाद सचिन तेंदुलकर ने स्पीच में कही बात कमेंटेटर हर्षा भोगले के साथ साझा की थी।
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