Nov 19, 2023
रोहित शर्मा ने 47 रनों की पारी खेलकर भारतीय टीम को ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ विश्व कप फाइनल में अच्छी शुरुआत दी। हालांकि इसके बाद गिल और अय्यर सस्ते में आउट हो गए।
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विराट कोहली ने फिर से पारी को संभाला और 9वीं बार 50 से ऊपर का स्कोर बनाते हुए अपनी टीम को लेकर आगे बढ़ते दिखे। हालांकि वो भी बोल्ड हो गए।
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केएल राहुल ने अर्धशतकीय पारी खेलते हुए भारत का स्कोर किसी तरह 240 रन तक पहुंचाने में अपना अहम योगदान दिया। अब ऑस्ट्रेलिया को सिर्फ 241 रन चाहिए थे।
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ऑस्ट्रेलिया ने 4 विकेट खोकर 43 ओवर में ही जीत दर्ज कर ली और छठी बार विश्व चैंपियन बनने का गौरव हासिल किया। अब आपको बताते हैं कि भारत की हार के 5 मुख्य कारण क्या थे।
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सूर्यकुमार यादव ने इस विश्व कप में सात मुकाबले खेले जिसमें उन्होंने कुल 106 रन बनाए। लेकिन बार-बार फ्लॉप होने के बावजूद उनको बाहर नहीं बिठाया गया। उनकी जगह कई और खिलाड़ियों को मौका दिया जा सकता था लेकिन ऐसा नहीं हुआ। फाइनल में उन्होंने सिर्फ 18 रन बनाए।
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रविचंद्रन अश्विन का अहमदाबाद में रिकॉर्ड शानदार रहा है और इस धीमी पिच पर उनका अनुभव बहुत काम आता। वो सूर्यकुमार यादव की जगह खेल सकते थे लेकिन टीम प्रबंधन ने ये फैसला नहीं लिया।
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फाइनल में शमी से काफी उम्मीदें थीं लेकिन उन्होंने 47 रन देकर सिर्फ 1 विकेट लिया। वहीं सिराज पूरे टूर्नामेंट में 14 विकेट ही ले पाए और फाइनल में वो सिर्फ 45 रन देकर 1 विकेट ले सके।
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केएल राहुल और रविंद्र जडेजा जब बैटिंग कर रहे थे तब उन्होंने काफी धीमी बल्लेबाजी की, उस समय अगर स्पिनर्स पर हावी होते तो स्कोर में शायदा 20-25 रन और जुड़ सकते थे।
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पूरे टूर्नामेंट में धमाकेदार बल्लेबाजी करने वाले विराट कोहली फाइनल में टीम इंडिया की नैया पार लगा सकते थे, लेकिन ऐसा हुआ नहीं क्योंकि अर्धशतक के बाद वो अपनी एक चूक के कारण गलत तरह से बोल्ड हो गए।
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इस तरह ऑस्ट्रेलियाई टीम ने शानदार रणनीति को अपनाते हुए टूर्नामेंट में 8 अक्टूबर को भारत के खिलाफ पहला मैच तो गंवाया लेकिन फाइनल में उन्होंने अलग रूप दिखाते हुए छठी बार विश्व खिताब अपने नाम किया।
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