Mar 18, 2024
महिला प्रीमियर लीग 2024 के दूसरे संस्करण में रॉयल चैलेंजर्स बैंगलोर को उसका पहला लीग खिताब जिताने वाली इस कप्तान ने नया इतिहास रचा है।
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फाइनल मुकाबले में आरसीबी ने दिल्ली कैपिटल्स महिला टीम को 8 विकेट से मात देते हुए इस फ्रेंचाइजी के हाथों में पहली बार ट्रॉफी थमा दी।
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जो विराट कोहली आईपीएल में इस फ्रेंचाइजी की पुरुष टीम के साथ 16 सालों में ना कर पाए, वो कमाल स्मृति ने दो साल में कर दिखाया है।
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स्मृति के दुनिया भर में करोड़ों फैंस थे और अब इनकी संख्या में इजाफा होना तय है। वो भारतीय क्रिकेट की हीरा थीं, जो अब और चमकदार हो गया है।
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स्मृति के क्रिकेट सफर की शुरुआत महज 9 साल की उम्र में हो गई थी जब वो महाराष्ट्र अंडर-15 महिला टीम में चुनी गईं और 11 की उम्र में अंडर-19 टीम में।
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2014 में स्मृति को पहली बार भारत की जर्सी पहनने का मौका मिला और उसके बाद उन्होंने कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा, कप्तान भी बनीं और सफलताओं के शिखर पर भी पहुंचीं।
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स्मृति की इस सफलता के पीछे उनके परिवार का बड़ा हाथ रहा है जहां हर सदस्य उनके क्रिकेट करियर को ऊंचाइयां देने के लिए एकसाथ जुट गया था।
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पिता भी जिला स्तर पर क्रिकेट खेल चुके थे और अब केमिकल डिस्ट्रीब्यूटर का काम करते हैं। उन्होंने अपनी बेटी के क्रिकेट प्रोग्राम को अपने हाथों में लेने का निर्णय लिया। वहीं मां ने बेटी की डाइट, कपड़ों और कई अन्य चीजों की जिम्मेदारी अपने हाथों में ली।
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उनका भाई श्रवण भी जिला स्तर तक क्रिकेट खेल चुका था, लेकिन बहन को आगे बढ़ाने के लिए उसने अपने सपने पीछे रखे और उसे सिखाने में जुट गया। घंटों तक स्मृति को नेट्स पर गेंदें फेंकी और उसे अभ्यास कराया है और आज भी वो नेट्स में उन्होंने ये काम जारी रखा है।
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आज उनकी मेहनत रंग लाई है और बीसीसीआई के साथ-साथ आईसीसी द्वारा उन्हें तमाम प्रतिष्ठित अवॉर्ड मिल चुके हैं। आरसीबी को डब्ल्यूपीएल खिताब जिताने के बाद उनकी लोकप्रियता और बढ़ेगी।
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