​इकलौता तीर्थस्‍थल, जहां मौजूद है सभी 51 शक्तिपीठ की ऊर्जा​

नीलाक्ष सिंह

Sep 20, 2023

​एक छत के नीचे 51 शक्तिपीठ के दर्शन​

लखनऊ के इस अनोखे मंदिर की वजह से भक्तों को एक ही छत के नीचे पूरे 51 शक्तिपीठ के दर्शन होते हैं।

Credit: canva

​कई शक्तिपीठ ​पड़ोसी देशों में भी​

बता दें, 51 शक्तिपीठ अलग अलग शहर में हैं, यहां तक कि कुछ शक्तिपीठ पड़ोसी देशों जैसे श्रीलंका, पाकिस्तान, नेपाल में भी है।

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​बहुत मान्यता है शक्तिपीठ की​

हिंदू धर्म में 51 शक्तिपीठ (51 Shakti Peeth) की बहुत मान्यता है। 51 शक्तिपीठ क्या है, यह कहां कहां स्थिति है आइये जानते हैं।

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​51 शक्तिपीठ क्या है?​

पौराणिक कथाओं के अनुसार, भगवान शिव की पहली पत्नी माता सती के पिता यानी दक्ष प्रजापति ने एक महायज्ञ का आयोजन किया, जिसमें भगवान शिव को नहीं बुलाया।

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​शक्तिपीठ की कहानी​

इस यज्ञ में माता सती को भी नहीं बुलाया गया, लेकिन माता सती ने भगवान शिव का इतना बड़ा अपमान देखकर यज्ञस्थल पर पहुंच कर, अपने पिता दक्ष प्रजापति से सवाल किया, जिस पर दक्ष ने भगवान शिव को अपमानित किया।

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​कैसे बन गए शक्तिपीठ​

दुखी होकर माता सती ने उसी यज्ञ में अपनी जान दे दी, जिसके बाद भगवान शिव वियोग में चले गए, और अपनी पत्नी का शव कंधे पर लेकर इधर उधर भटक रहे थे।

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​माता सती ही हैं शक्तिपीठ​

य​ह दृश्य देखकर सभी देवी देवता हैरान थे, ऐसे में भगवान विष्णु ने अपने चक्र से देवी सती के शरीर के टुकड़े टुकड़े कर दिए। ताकि भगवान शिव उनके वियोग से बाहर आ सकें।

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​शक्तिपीठ दर्शन​

इसके बाद यह अंग जहां जहां गिरे उन स्थानों को शक्तिपीठ माना जाता है। मान्यता है यहां पहुंचने वाले हर भ​क्त का दर्शन सफल होता है।

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​लखनऊ व बीकेटी के बॉर्डर पर है यह मंदिर​

51 शक्तिपीठ वाला यह मंदिर लखनऊ व बीकेटी के बॉर्डर है, जहां आप सीतापुर रोड के जरिये पहुंच सकते हैं। यह मंदिर बहुत पुराना नहीं है बल्कि इसकी स्थापना 1998 में की गई थी।

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​ओरिजनल शक्तिपीठों की रज से बना है यह मंदिर​

51 शक्तिपीठ धाम में भारत के विभन्न स्थानों पाकिस्तान, चीन, श्रीलंका, बांग्लादेश और नेपाल में स्थित ओरिजनल शक्तिपीठों की रज लाकर उनकी प्रतिमाओं की स्थापना की गई है।

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